Posted by : Devesh Tripathi
Sunday, 3 March 2013
एक अनोखा एहसास सा क्यों है.......
आओगी तुम पास मेरे यह आस क्यों है.....
न मिलोगी कभी भी तुम मुझे यह जानता हू ....
लेकिन फिर भी यह तलाश क्यों है.......
न जाने क्यों हर वक्त चाहता है आपका साथ यह मन.........
जानते ही यह मुमकिन नही, फिर भी क्यों बेकरार है यह मन..........
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